मुम्बई हमले में शहीद हुए कांस्टेबल तुकाराम कांबले और एनएसजी उन्नयन कृष्णन की शहादत की गर्मजोशी से चर्चा 11 दिसंबर, 2008 को संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन गृहमंत्री चिदंबरम ने की। उनका कहना था कि तुकाराम कांबले की ही असीम वीरता के कारण इन हमलों में शामिल एकमात्र आतंकवादी कसाब को पकड़ा जा सका। कांबले ने कसाब के मशीनगन को तबतक पकड़े रखा और अपनी छाती में बुलेट खाता रहा जबतक कि उसको अन्य पुलिसकर्मी ने पकड़ नहीं लिया। कमांडो के मेजर उन्नयन कृष्णन नरीमन हाउस ऑपरेशन के दौरान मारे गए थे।
इसी दौरान विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि मुंबई मिशन पूरा कर लौट रहे एनएसजी के कमांडो से एक टीवी संवाददाता के सवाल पर जवाब था कि हम ऐसे छोटे-मोटे हमलों के लिए हर समय तैयार रहते हैं। हमें तनिक भी भय नहीं होता है। इसी तरह की हिम्मत भारत के सिर्फ एक जवान में नहीं हम हर भारतीय में होना चाहिए। इसके बाद ही देश के इस तरह के दुश्मनों का नेस्तनाबूत कर सकते हैं।
साथ ही उस टीवी चैनल (शायद आजतक) को भी शाबाशी दी जिसने ताज महल होटल के साथ-साथ रेलवे स्टेशन पर मरे उन मासूम और आम जनता का कवरेज दिखाया था कि कैसे बेचारे तरप-तरप कर दम तोड़ रह थे। कुछ ऐसे लोग थे जो पहली बार मुंबई दर्शन के लिए आए थे और अपनी प्यारी मायानगरी में बम के धमाकों में विलिन हो गए... फिर कभी वो कुछ और देखने के लायक नहीं रहें।
सदन में आडवाणी ने स्पष्ट किया कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा का गहराई से विश्लेषण करने का मौका है। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार और पूरा विपक्ष को एक जुट होकर निर्णायक रणनीति बनाना होगा। सरकार को पाकिस्तान द्वारा वहां आतंकवादियों के खिलाफ दिखावा मात्र की जा रही कार्रवाई से संतुष्ठ होकर नहीं बैठ जाना चाहिए। लश्कर-ए-तैयबा सऊदी अरब से मिलने वाले धने से पोषित और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा संरक्षित संगठन है, इसलिए उसके खिलाफ पाकिस्तान में कार्रवाई करना इतना आसान नहीं है।
तत्कालिक परिस्थिति के मद्देनज़र इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र के सहयोग पर अधिक विश्वास न कर हमें अपनी कूटनीति क्षमता पर अधिक विश्वास करना चाहिए। क्योंकि यूएन का कश्मीर के मामले में अपनाया गया रवैया सबको पता है।
इस दर्दनाक मंजर को आतंकवादी घटना भर नहीं बल्कि अपने मातृभूमि पर हमला समझना होगा। इन घटनाओं के लिए पाकिस्तान को सबक सिखाने और हमारे देश के अंदर हमलों में उसकी संलिप्तता विश्व को बताने में हम भारतीय को हिचकिचाना नहीं चाहिए।
bahut accha likha hai.....
ReplyDeletelikhte rahiye.....
sampark mei rahiye.....
๑۩۞۩๑वंदना शब्दों की ๑۩۞۩๑